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Saraswati Puja kab hai | सरस्वती पूजा कब है? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Saraswati Puja kab hai, सरस्वती पूजा कब है? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि:- सरस्वती पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो सर्दियों की परिणति और वसंत के आगमन का प्रतीक है।लोकप्रिय मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था।हिंदू धर्म में सरस्वती को ज्ञान की देवी माना गया है. बसंत पंचमी का पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है.

Saraswati Puja

Saraswati Puja kab hai (सरस्वती पूजा कब है)

इस बार सरस्वती पूजा 2 फरवरी 2025 (रविवार) को मनाई जाएगी।

पूजा मुहूर्त:

🔹 पूजा का समय: 07:01 AM से 12:25 PM
🔹 अवधि: 5 घंटे 24 मिनट

सरस्वती पूजा 2025 की तिथि व महत्व

माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को वसंत पंचमी भी कहा जाता है। यह दिन विद्या, बुद्धि, ज्ञान, कला और संगीत की देवी माँ सरस्वती को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी के दिन माँ सरस्वती की पूजा विशेष फलदायी होती है और इस दिन माँ शारदा के पूजन का बहुत महत्व है।

इस दिन को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, यानी बिना किसी विशेष गणना के कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। वैसे तो नवरात्रि और दीपावली के दौरान भी माँ सरस्वती की पूजा होती है, लेकिन वसंत पंचमी के दिन की गई साधना विशेष पुण्यदायी मानी जाती है।

सरस्वती पूजा विधि (Basant Panchami Puja Vidhi 2025)

1️⃣ सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
2️⃣ पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और माँ सरस्वती की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
3️⃣ भगवान गणेश की पूजा करें और फिर कलश स्थापना कर देवी सरस्वती का पूजन आरंभ करें।
4️⃣ माँ सरस्वती को पीले फूल, हल्दी, केसर, चंदन, रोली, अक्षत और पीली मिठाई अर्पित करें।
5️⃣ वीणा, पुस्तक, पेन और संगीत वाद्ययंत्रों की पूजा करें, जो ज्ञान और कला के प्रतीक हैं।
6️⃣ सरस्वती वंदना और स्तोत्र का पाठ करें:

या कुन्देन्दु-तुषार-हार-धवला, या शुभ्र-वस्त्रावृता।
या वीणा-वर-दण्ड-मण्डित-करा, या श्वेत-पद्मासना।।
या ब्रह्माच्युत-शङ्कर-प्रभृतिभिर्देवै: सदा वन्दिता।
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेष-जाड्यापहा।।

7️⃣ बच्चों को इस दिन शिक्षा और विद्या आरंभ करानी चाहिए, इसे ‘अक्षरारंभ’ कहते हैं।
8️⃣ पीले रंग के पकवानों का भोग लगाएं, जैसे केसरिया हलवा, चने की दाल, पीले लड्डू आदि।
9️⃣ माँ सरस्वती से विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्रार्थना करें और आरती के बाद प्रसाद वितरण करें।

सरस्वती पूजा 2025 की शुभकामनाएँ

माँ सरस्वती की कृपा से आप सभी के जीवन में ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का संचार हो। सरस्वती पूजा 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ! 🙏✨