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मध्य प्रदेश में 300 साल पुरानी परंपरा का रहस्य: दशहरा 2025 में रावण पूजा

Ravan Worship In Mp:-मध्य प्रदेश में रावण पूजा: 300 साल पुरानी परंपरा का रहस्य

भारत में दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है और इस दिन रावण के पुतले का दहन किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में एक ऐसा स्थान है, जहां रावण का पुतला जलाने के बजाय उसकी पूजा की जाती है? यह परंपरा पिछले 300 वर्षों से चली आ रही है। आइए जानते हैं इस अनोखी परंपरा का रहस्य।

 

Ravan Worship In Mp
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क्यों होती है रावण की पूजा?

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के खानपुरा गांव में दशहरे के दिन रावण दहन नहीं किया जाता, बल्कि उसकी आरती उतारी जाती है और पूरे सम्मान के साथ पूजा की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां के लोग रावण को अपना जमाई राजा मानते हैं।

मंदोदरी का मायका: नामदेव समाज की मान्यता

खानपुरा गांव में रहने वाली नामदेव समाज का मानना है कि रावण की पत्नी मंदोदरी इसी गांव से थीं। इस कारण वे रावण को अपना जमाई मानते हैं और दशहरे के दिन उसकी आरती उतारकर पूजा करते हैं।

नामदेव समाज यह मानता है कि रावण सिर्फ अहंकारी ही नहीं बल्कि एक महान विद्वान और शिव भक्त भी था। इसी वजह से पिछले 300 वर्षों से इस समाज द्वारा रावण की पूजा की परंपरा निभाई जा रही है।

कैसे होती है रावण की पूजा?

  • दशहरे के दिन लोग रावण की विशाल प्रतिमा के पास एकत्र होते हैं।
  • सुबह आरती की जाती है और पूजा-पाठ होता है।
  • महिलाएँ रावण की मूर्ति को घूंघट दिखाती हैं, जिसे शुभ माना जाता है।
  • यहाँ आने वाले श्रद्धालु रावण के पैरों में रक्षा सूत्र बाँधते हैं, जिससे एकत्रा बुखार ठीक होने की मान्यता है।
  • भक्त रावण की मूर्ति के पास ‘रावण धागा’ बाँधकर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की प्रार्थना करते हैं।

क्या कहती है मान्यताएँ?

यहाँ के लोगों की मान्यता है कि रावण एक महान शिवभक्त और विद्वान ब्राह्मण था। वे यह भी मानते हैं कि मंदसौर के लोगों के लिए रावण सिर्फ एक नकारात्मक चरित्र नहीं था, बल्कि एक सम्माननीय व्यक्ति था।

कैसे पहुँचे मंदसौर?

मंदसौर, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख जिला है और यहाँ पहुँचने के लिए निम्नलिखित साधन उपलब्ध हैं:

  • रेल मार्ग: मंदसौर रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
  • सड़क मार्ग: बस और टैक्सी सेवा आसानी से उपलब्ध है।
  • वायुमार्ग: निकटतम हवाई अड्डा उज्जैन और इंदौर में स्थित है।

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