भारतीय विश्वविद्यालयों को नवाचार पर जोर देना चाहिए: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को नवाचार (Innovation) को उतना ही महत्व देना चाहिए जितना वे ज्ञान (Knowledge) को देते हैं। उनका मानना है कि नवाचार के बिना जीवन बोझिल हो जाता है और देश की प्रगति बाधित हो सकती है।

शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह विचार मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘शिक्षा के पुनरुत्थान के लिए अकादमिक नेतृत्व सम्मेलन’ (Conference on Academic Leadership on Education for Resurgence) के उद्घाटन समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में नवाचार को शामिल करने और छात्रों को शोध एवं खोज के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया।
प्राचीन भारतीय विश्वविद्यालयों में नवाचार की परंपरा
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि भारत की प्राचीन विश्वविद्यालयों जैसे तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला में ज्ञान के साथ नवाचार पर भी जोर दिया जाता था। यह हमारी परंपरा का हिस्सा रहा है और आधुनिक शिक्षा प्रणाली में भी इसे अपनाने की जरूरत है।
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नई शिक्षा नीति और नवाचार
प्रधानमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत सरकार छात्रों को नवाचार और स्टार्टअप के प्रति प्रेरित कर रही है। इसके लिए सरकार ने कई योजनाएँ और कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
- अटल इनोवेशन मिशन (AIM) – स्कूल और कॉलेज स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए।
- स्टार्टअप इंडिया योजना – नए स्टार्टअप्स को सहयोग और वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए।
- इम्प्रिंट इंडिया (IMPRINT India) – उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए।
- राष्ट्रीय नवाचार और स्टार्टअप नीति (NISP) – विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में स्टार्टअप कल्चर को बढ़ावा देने के लिए।
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शिक्षा और चरित्र निर्माण का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल साक्षरता प्राप्त करना नहीं होना चाहिए, बल्कि यह चरित्र निर्माण और समग्र विकास पर भी केंद्रित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों को सिर्फ नौकरी पाने के लिए शिक्षा नहीं लेनी चाहिए, बल्कि समाज और देश के विकास में योगदान देने के लिए सीखना चाहिए।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई योजना भारतीय विश्वविद्यालयों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। सरकार शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और शोध उन्मुख बनाने के लिए विभिन्न योजनाएँ लागू कर रही है, जिससे छात्र सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान तक सीमित न रहें, बल्कि नए विचारों और नवाचारों के साथ देश की प्रगति में योगदान दें।