92 वर्षीय वास्तुकार जिन्होंने बनाई सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण किया। यह प्रतिमा दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा के रूप में जानी जाएगी। गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर डैम के पास स्थित यह प्रतिमा 182 मीटर ऊँची है। इस भव्य प्रतिमा का निर्माण लगभग 85 प्रतिशत पूरा हो चुका था जब इसे स्थापित किया गया और अब इसके सिर का अंतिम चरण में काम चल रहा था।
राम वी. सुतार: इस महान शिल्पकला के शिल्पकार
यह प्रतिमा न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अद्वितीय कला का उदाहरण है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस भव्य मूर्ति के पीछे कौन से कलाकार का हाथ है? यह हैं पद्मभूषण सम्मान प्राप्त राम वी. सुतार, जिन्होंने इस मूर्ति की कल्पना की और इसे डिज़ाइन किया। 92 वर्षीय राम वी. सुतार पहले भी सैकड़ों प्रतिमाएँ बना चुके हैं, जिनमें संसद भवन परिसर में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा भी शामिल है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की विशेषताएँ
- विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा – इसकी ऊँचाई 182 मीटर है, जो अब तक की सबसे ऊँची प्रतिमा मानी जा रही है।
- लोकेशन – यह प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पास स्थित है।
- संरचना – प्रतिमा को बनाने में लोहे की भारी चादरों और कंक्रीट के मिश्रण का उपयोग किया गया है।
- निर्माण प्रक्रिया – प्रतिमा के पैर अब साफ दिखाई देने लगे हैं और लोहे की बड़ी-बड़ी शीट्स को जोड़ने के लिए विशाल क्रेनों का उपयोग किया गया है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: भारत की अनोखी धरोहर
यह प्रतिमा केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि सरदार वल्लभभाई पटेल की एकता और अखंडता की प्रतीक है। इसके निर्माण के पीछे भारत की अद्वितीय शिल्पकला और आधुनिक तकनीक का संयोजन है।
यह भव्य प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी और भारत के गौरव को पूरी दुनिया में प्रदर्शित करेगी।