उन्नाव रेप के दोषी कुलदीप सेंगर को मिली उम्रकैद की सजा( Kuldeep Sengar convicted for Unnao rape sentenced to life imprisonment): उन्नाव रेप केस में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया गया है। मामले में आज यानी शुक्रवार को सजा सुनाई गई
Kuldeep Sengar convicted for Unnao rape sentenced to life imprisonment
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के 2 साल पुराने मामले में दोषी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली के कोर्ट ने शुक्रवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने कहा कि उसे मृत्यु तक जेल में रखा जाना चाहिए। सेंगर पर 25 लाख रु। आप भी आवेदन कर सकते हैं यह राशि मुआवजे के तौर पर पीड़ित लड़की को दी जाएगी। सेंगर को भाजपा से निष्कासित किया गया है। 2017 में कुलदीप और उनके सहयोगियों ने उन्नाव में लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था। जुलाई 2019 में पीड़ित की कार का एक्सीडेंट हो गया था, जिसका आरोप विधायक पर लगा लेकिन जांच में उसे क्लीनचिट चली गई थी।
उन्नाव रेप केस में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया गया है। मामले में शुक्रवार (20 दिसंबर) को सजा सुनाई गई। इससे पहले तीस हजारी कोर्ट में सेंगर की सजा पर सुनवाई हुई थी। इस दौरान सीबीआई ने दोषी सागर को उम्र कैद देने की मांग की। सीबीआई ने कहा कि मामला सिर्फ बलात्कार का नहीं है, बल्कि इसमें मानसिक उत्पीड़न भी शामिल है। वहीं, इससे पहले इस मामले में तीस हजारी कोर्ट ने जांच को लेकर सीबीआई को फटकार लगाई थी।
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4 जून 2017 को माही गांव से युवती गायब हुई। थाने में ट्रायल न होने पर पीड़िता की मां कोर्ट पहुंची। सात दिन बाद कोर्ट के दखल पर केस दर्ज हुआ।
3 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता दिल्ली से पेशी पर आए थे। इसके बाद गांव पहुंचे, जहां विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल व अन्य लोगों ने उसके साथ मारपीट की। विधायक पक्ष की तहरीर पर माखी थाना ने युवती के पिता पर आर्म्स एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कर दी।
4 अप्रैल 2018 को पीड़िता की मां की तहरीर पर पुलिस ने माही गांव के ही विनीत, सोनू, बुवा और शैलू सहित अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज किया। वहीं, इस मुकदमे में पुलिस ने विधायक के भाई अतुल सिंह का नाम हटा दिया।
5 अप्रैल 2018 को पुलिस ने जिला अस्पताल में इलाज करने के बाद शाम को युवती के पिता को जेल भेज दिया, जबकि परिवार वाले इलाज कराने की मांग करते रहे।
8 अप्रैल 2018 को पिता को झूठे मुकदमे में फंसाने और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए युवती ने परिवार सहित लखनऊ में सीएम आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की। वहीं, जेल में बंद युवती के पिता की हालत भी बिगड़ गई और रात 9 बजे जेल अधीक्षक एके सिंह ने जिला अस्पताल भेज दिया। सुबह 3:49 बजे युवती के पिता की मौत हो गई।
9 अप्रैल 2018 को इलाज के दौरान युवती के पिता की मौत का मामला तूल पकड़ा, तब सरकार ने कार्रवाई तेज की।
10 अप्रैल 2018 को राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया। जांच रिपोर्ट के बाद विधायक के भाई अतुल सिंह सहित 5 लोगों पर युवती के पिता की हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई।
12 अप्रेल 2018 को मामला दिल्ली पहुंचा और कांग्रेस ने बीजेपी सरकार को घेरा। इसके अलावा इसी रात यूपी सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने सीबीई जांच की मंजूरी दी। उसके बाद सुबह तड़के सीबीआई ने विधायक कुलदीप सेंगर और शशि सिंह के खिलाफ रिपोर्ट की
13 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने सेंगर को लखनऊ स्थित आवास से गिरफ्तार किया।
15 अप्रैल 2018 को सीबीआई के पास 14 दिन की रिमांड थी।
8 मई 2018 को पीड़िता के चाचा की आपत्ति पर विधायक को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल भेज दिया गया।
28 जुलाई 2019 को रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने के लिए युवती अपने वकील की कार से चाची और मासी के साथ जेल जा रही थी, तभी कार की ट्रक से भिड़ंत हो गई, जिसमें चाची और मासी की मौत हो गई. वहीं, वकील और युवती बुरी तरह घायल हो गए.
1 अगस्त 2019 को चीफ जस्टिस रहे रंजन गोगोई ने सभी पांचों मामले लखनऊ की अदालत से दिल्ली की सीबीआई अदालत को ट्रांसफर करने के आदेश दिए और कहा कि 45 दिनों में सुनवाई पूरी की जाए.
2 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के चाचा की सुरक्षा को लकेर रायबरेली की जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया.
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5 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता को इलाज के लिए लखनऊ से दिल्ली लाने का आदेश दिया.
9 अगस्त 2019 को दिल्ली की एक अदालत ने कुलदीप सेंगर के खिलाफ आरोप तय कर दिए. सेंगर को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और POCSO के तहत दोषी ठहराया गया.
14 अगस्त 2019 को पीड़िता के पिता की मौत मामले में कुलदीप सेंगर सहित नौ लोगों पर कोर्ट ने आरोप तय किए.
7 सितंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एम्स में अस्थाई तौर पर कोर्ट लगाने का आदेश दिया.
29 सितंबर 2019 को दिल्ली महिला आयोग ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर दिल्ली में पीड़िता और उसके परिवार के लिए अस्थाई तौर पर रहने की व्यवस्था एक सुरक्षित स्थान पर की जाएगी.
11 अक्टूबर 2019 को पीड़िता की कार पर हमले के मामले में सीबीआई ने कुलदीप सेंगर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.
10 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने 16 दिसंबर के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा
16 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को अपहरण और रेप मामले में दोषी करार दिया
20 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को अपहरण और रेप मामले उम्रकैद सजा सुनाई 25 लाख रु. जुर्माना भी लगाया गया।